[ एक समसामयिक टिप्पणी ]
इस समय सारी दुनिया जिस गंभीर खतरे से जूझ रही है... सारी दुनिया में दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है... हर शहर में खतरा बेहद गंभीर है...... आज एक एक पल सारी दुनिया के लिए महत्वपूर्णहै... अन्य देशों की तुलना में जनसंख्या का घनत्व भारत में अधिक होने से...सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति को देखते हुए...हमारी सरकार, डॉ जान हथेली पर रख कर सेवा में लगे हैं... जन-जन सुरक्षित रह सके यही लक्ष्य... क्योंकि कोरोना का वायरस बेहद खतरनाक है... सारी दुनिया की जान पर बन आई है...जान बचाना अनिवार्य सरकार ने जनहित के लिए लॉकडाउन किया है... किसके लिए हमारे लिए... जनता के लिए...... जनता क्या कर रही है... हम क्या कर रहे हैं... लोग क्या कर रहे हैं...एक और व्यापारी छोटे दुकानदार सब्जी वाले लूट में लगे लगे हैं... जो चीज ₹12 में मिलना चाहिए उनके वे 25 ₹25 जनता से वसूल रहे हैं...एमआरपी से ज्यादा वसूल रहे हैं...जहाँ एक और हजारों लोग मजदूर लोगों को खाना खिला रहे हैं... सुविधा दे रहे हैं... सेवा कर रहे हैं... दूसरी ओर लूट मची है...दुकानदार छोटी खिड़की या आधी शटर उठाकर सामान बेच रहे हैं... कीमत ज्यादा ले रहे हैं... मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं... ऐसे दुकानदारों का इसके बाद बहिष्कार करना चाहिए... यह बंद है किसके लिए हमारे लिए जनता के... जनता के लिए... लेकिन जनता क्या कर रही है... घूमने निकल रहे हैं लोग... माहौल देखने निकल रहे हैं... प्रशासन के लिए मुसीबत मुसीबत बन रहे हैं... बच्चों को लेकर निकल रहे हैं... महिलाएं घर से निकल रही है बिना मतलब लोग सड़क पर निकल रहे हैं... बड़े आराम से घूम रहे हैं... जैसे तमाशा बनकर रह गया...लाक डाउन...डॉक्टर पर हमला हमला किया जा रहा है...मैंने कुछ लोगों से पूछा.... कहां जा रहे हैं आप... बंद है... बाजार सभी बंद है... आप कहां जा रहे हैं... कहने लगे बस माहौल देखने जा रहे... कैसे हो गए हम भारतीय फिर पुलिस हो जाए शक्ति तो परेशानी... अरे पिटाई कर रही हो... क्या हो गया जनता को... जरा गंभीर नहीं है लोग... क्यों निकल रहे रहे हैं घरों से... एक व्यक्ति भी अगर मोहल्ले में वायरस ले आया... तो सारा परिवार... मोहल्ला... कॉलोनी के लिए संकट खड़ा हो जाएगा... बच्चे घूम रहे हैं... नाबालिक बच्चे गाड़ियां लेकर घूम रहे हैं... जबकि प्रशासन ने वाहन चलाने के लिए मना किया है... प्रशासन को सख्त होना ही चाहिए... एकदम से सख्त हो जाना चाहिए... जिनकी सुरक्षा के लिए नियम बने हैं... वही नियम ना माने तो फिर डंडा ही इलाज है... प्रशासन को सहयोग करना चाहिए... और घर पर आराम करना चाहिए... कोरोना को करो ना... वायरस यदि एक बार घर में परिवार में आ गया... तो बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा... जीवन के लाले पड़ जाएंगे... प्रशासन को एकदम से सख्त हो जाना चाहिए यही जरूरी भी है... जनता ना समझे तो फिर इसका इलाज सिर्फ और सिर्फ डंडा ही है... हम सभी को समझने की आवश्यकता है... प्रशासन को सहयोग करें...हम खुद की मदद करें यही मानकर प्रशासन को मदद करना चाहिए...प्रशासन के लिए समस्या खड़ी ना करें... उसे सहयोग करें यही आज सारी जनता की नैतिकता भी है ... यदि हम नहीं समझे तो यह हमारे लिए जान पर बन आएगी... इसलिए इसलिए समय की आवश्यकता है कि इस बीमारी से लड़ने के लिए...हम घरों में रहे...सावधान रहें... सावधानी ही सुरक्षा है़... लापरवाही बरतना ना केवल हमारे लिए... बल्कि पूरी मानवता के लिए बेहद खतरनाक है... धन्यवाद...
एल एन उग्र