स्वतंत्र भारत में मोदी सरकार का बड़ा फैसला
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[विशेष टिप्पणी_एल.एन.उग्र]
राष्ट्र विरोधी ताकते नहीं चाहती थी कि ५.८.२०१९ को मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत बिल कानून बने...क्योंकि कईयों की राजनैतिक ताकत को बड़ा झटका लगेगा...सारा विश्व कह रहा है कि...कश्मीर से कन्या कुमारी तक भारत एक है...तो फिर एक है...अर्थात एक झंडा...एक ही डंडा (कानून ) होना ही चाहिए...आज जबकि भारत सरकार ने या यूँ कहें कि मोदी सरकार ने...इतना साहस किया है...और जम्मू कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाने का कानून प्रस्तुत किया है...तो विरोध क्यूँ...? और कौन लौग हैं जो जम्मू कश्मीर को भारत का अंग मानने का विरोध कर रहे हैं...यानी की वे देश द्रोही हैं...राष्ट्र विरोधी हैं...और संविधान देश द्रोह के लिए क्या कहता है...वही कार्यवाही इन पर की जाने की आवश्यकता है... सोमवार का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा...आतंकवाद...पत्थर बाज...से घाटी गुंजायमान थी...आज जबकि ३७० का खात्मा...जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया है...लद्दाख जैसे फैसला किया गया है...तो विरोध क्यूँ...?इसका सीधा अर्थ यही लगता है कि...जो विरोध कर रहे हैं...वे आतंकवाद,अलगाव वाद,पत्थर बाज,३७० व तिरंगे के अपमान का समर्थन कर रहे हैं...जो सौ फीसदी सही नहीं है...!केवल विरोध के लिए विरोध नहीं हो...रचनात्मकता और देशहित के अवसर पर सरकार का समर्थन करना चाहिए...!
स्वतंत्र भारत में मोदी सरकार का बड़ा फैसला